Dincharya me thoda aa parivartan apko swath va dirghayu bna sakta he.

Dincharya me thoda aa parivartan apko swath va dirghayu bna sakta he.
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Dincharya me thoda aa parivartan apko swath va dirghayu bna sakta he.

को जीवनभर के लिए अपना लें और कुछ त्याज्य चीजों
को हमेशा के लिए दूर कर दें। इसके लिए अपनाइए
सरल-सा  सूत्री जीवन। प्रतिदिन प्रातः सूर्योदय पूर्व (5 बजे) उठकर दो या तीन किमी घूमने जाएँ। सूर्य आराधना से दिन
का आरंभ करें। इससे एक शक्ति जागृत होगी जो
दिल-दिमाग को ताजगी देगी।

2. Sharir ko hamesha seedha rkhe.


 खड़े रहें तो तनकर अर्थात शरीर हमेशा चुस्त रखें।
भोजन से ही स्वास्थ्य बनाने का प्रयास करें। इसका
सबसे सही तरीका है, भोजन हमेशा खूब चबा-चबाकर
आनंदपूर्वक करें ताकि पाचनक्रिया ठीक रहे, इससे कोई
भी समस्या उत्पन्न ही नहीं होगी भोजन जितना ज्यादा चबाकर खाएं उतना ही अच्छा रहेगा। मोटापा आने का मुख्य कारण तैलीय व मीठे पदार्थ होते हैं।
इससे चर्बी बढ़ती है, शरीर में आलस्य एवं ।
सुस्ती आती है। इन पदार्थों का सेवन सीमित मात्रा में ही
करें। बाजार की तेल की कोई बीबी चीज न खाए इनसे हमारे लिबर पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

3. Bhari bhojan ya hajam na hone bale bhojan ka sevan kam kare.


यदि ऐसा करना भी पड़े तो एक समय उपवास कर उसका संतुलन बनाएँ।
वाहन का प्रयोग कम ही करे उसका प्रयोग कम करने
की आदत डालें। जहाँ तक हो कम दूरी के लिए पैदल
जाएँ। इससे मांसपेशियों का व्यायाम होगा, जिससे
आप रोगों से दूर रहकर आकर्षक बने रहेंगे, साथ ही
पर्यावरण की रक्षा में भी सहायक होंगे। भोजन में अधिक से अधिक मात्रा में फल-सब्जियों का प्रयोग करें।
उनसे आवश्यक तैलीय तत्व प्राप्त करें,
शरीर के लिए आवश्यक तेल की पूर्ति प्राकृतिक रूप के
पदार्थों से ही प्राप्त करें। दिमाग में सुस्ती नहीं आने दें, कार्य को तत्परता से करने की चाहत रखें।
                   

4.Ghar ke karyo ko swem yah karya anek byayam ka fal deta he.


व्यस्तता एक वरदान है, यह दीर्घायु होने की मुफ्त
दवा है, स्वयं को व्यस्त रखें।
कपड़े अपने व्यक्तित्व के अनुरूप पहनें। थोड़े
चुस्त कपड़े पहनें, इससे फुर्ती बनी रहेगी।
जीवन चलने का नाम है, गतिशीलता ही जीवन है,
यह सदा ही याद रखें।
अपने जीवन में लक्ष्य, उद्देश्य और कार्य के प्रति
समर्पण का भाव रखें।

5.Sharir ki sundrta sharir ki safai me he iska vishes dyan rkhe. 


सुबह एवं शाम को खाना खनव के बाद में मंजन अवश्य करें। साथ ही सोने
से पूर्व स्नान कर कपड़े बदलकर पहनें। आप ताजगी
महसूस करेंगे।
शरीर का प्रत्येक अंग-प्रत्यंग रोम छिद्रों के माध्यम
से श्वसन करता है। इसीलिए सोने के समय कपड़े
हल्के  स्वच्छ एवं कम से कम पहनें। सूती  वस्त्र
अतिउत्तम होते हैं।


6. Balo ko hamesh saf rakhe.


अपने बालों में तेल का नियमित उपयोग करें।
बाल छोटे साफ रखें,
नियमित रूप से अपने आराध्य देव के दर्शन हेतु
समय अवश्य निकालें। आप चाहे किसी भी धर्म के
अनुयायी हों, अपनी धर्म के अनुसार ईश्वर की
प्रार्थना अवश्य करें।

7.Krodh ke karan.



क्रोध के कारण शरीर, मन तथा विचारों की सुंदरत
समाप्त हो जाती है। क्रोध के क्षणों में संयम रखकरUnique
debate Point On Helth Is Wealth.
अपनी शारीरिक ऊर्जा की हानि से बचें।






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